चित्र : गूगल से साभार !
कलर्स पर आने वाले कार्यक्रम, 'बिग बॉस' के बारे में सभी लोगों के अलग-अलग विचार होंगे. लेकिन मैंनें महसूस किया है, कि देशहित के लिए ऐसे कार्यक्रमों का होना अत्यंत ही आवश्यक है. बीते आठ वर्षों में इसके अभूतपूर्व योगदान और शिक्षा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता ! आइए, अब निम्न बिंदुओं पर नज़र डालते हैं (ध्यान रहे, 'नज़र' लग न जाए) :P -
* 'बिग बॉस' का पहला और सबसे ज़रूरी नियम है, 'हिन्दी में बात करना' ! यहाँ सिर्फ़ इस नियम का पालन ही नहीं होता, बल्कि इसका उल्लंघन करने वाले को कड़ी-से-कड़ी सज़ा देने की भी उचित व्यवस्था की गई है. कहीं और देखा है, ऐसा ? :)
* यहाँ स्त्री-पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं होता, और दोनों को ही घरेलू कामकाज...जैसे कपड़े धोना, बर्तन मांजना, झाड़ू-पोंछा करना उत्तम तरीके से सिखाया जाता है. ये न केवल इनके भविष्य के लिए उपयोगी सिद्ध होगा अपितु देशव्यापी सफाई-अभियान में भी इनके योगदान को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है. :D
* किसी भी प्रकार की 'हिंसा' के लिए यहाँ कोई जगह नहीं, और यदि आप ऐसा करते हुए पाए गये तो आपके निष्कासन का कड़ा प्रावधान भी है. क़सम से, बड़ी बेइज़्ज़ती होती है ! ;)
* यहाँ सिर्फ़ 'सॉरी' कह देना ही काफ़ी नहीं, आपको आत्मग्लानि के समंदर में भीतर तक डूबना होता है, उसके बाद ही माफ़ी पर विचार किया जाता है. 'गाली-गलौज़' की भी जमकर भर्त्सना होती है. यानी आपके अंदर अच्छे संस्कार रहे, इस पक्ष पर भी पूरा ध्यान दिया गया है. :)
* ये कार्यक्रम 'शेअरिंग' भी सिखाता है, कम सामग्री होने पर उसका बँटवारा कैसे किया जाए. भूखे पेट कैसे रहा जाए इत्यादि. त्याग और बलिदान की अमर कहानियाँ भी इसमें अक़्सर देखने को मिलती हैं.
* यह आलस को बिल्कुल बढ़ावा नहीं देता, दिन में सोने की अनुमति किसी को भी नहीं मिलती. इसी कारण, कार्य करने के लिए अधिक समय मिलता है और फिटनेस भी बनी रहती है.
* इससे हमें 'राष्ट्रीय एकता' का संदेश भी मिलता है, विभिन्न प्रांतों, व्यवसायों, धर्मों और अलग-अलग रीति-रिवाजों को मानने वाले यहाँ एकजुट होकर रहते हैं. साथ में खाते-पीते, उठते-बैठते, नाचते-गाते हैं. इस कार्यक्रम में गीत-संगीत और नृत्य कला को भी महत्वपूर्ण माना गया है.
* चुगली करने वालों और झूठ बोलने वालों को यहाँ, हिक़ारत भरी नज़रों से भेदा जाता है, और फिर उनका सच सबको दिखाकर यह भी सिखाते हैं कि 'झूठ बोलना गंदी बात है' :P
*यह कार्यक्रम टीवी. मोबाइल, कंप्यूटर एवं इसी तरह के अन्य 'समय बर्बादू उपकरणों' के इस्तेमाल का घोर विरोध करता है, जिससे न केवल विद्धूत और समय की बचत होती है, बल्कि यह भी सीख मिलती है कि इन सबके बिना भी ज़िंदा रहा जा सकता है !
* यह संयुक्त परिवार में रहना सिखाता है और इंसानों को कुसंगतियों से दूर रहने की शिक्षा भी देता है.
इस तरह हम कह सकते हैं कि 'बिग बॉस' जैसे कार्यक्रम हमारे व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं. ये हमें न सिर्फ़ जीवन जीना सिखाते हैं बल्कि विषम परिस्थितियों से जूझने की प्रेरणा भी देते हैं. ऐसे कार्यक्रम हमेशा चलते रहें और इनका उपयोग हर भारतीय नागरिक के लिए किया जाए, जिससे वो जब तीन माह बाद इस घर से बाहर आएँ तो एक उत्तम नागरिक बन, समाज के निर्माण और देश के विकास में पूरा सहयोग करें.
:)
* इस प्रेरणात्मक निबंध का 'कलर्स' या किसी और से कोई लेना-देना नहीं है. इस पर केवल हमारा ही कॉपीराइट बनता है. चुराए जाने पर 'जेल' जाना पड़ सकता है और वो भी असली वाली ! :P
- प्रीति 'अज्ञात' द्वारा जनहित में जारी !
कलर्स पर आने वाले कार्यक्रम, 'बिग बॉस' के बारे में सभी लोगों के अलग-अलग विचार होंगे. लेकिन मैंनें महसूस किया है, कि देशहित के लिए ऐसे कार्यक्रमों का होना अत्यंत ही आवश्यक है. बीते आठ वर्षों में इसके अभूतपूर्व योगदान और शिक्षा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता ! आइए, अब निम्न बिंदुओं पर नज़र डालते हैं (ध्यान रहे, 'नज़र' लग न जाए) :P -
* 'बिग बॉस' का पहला और सबसे ज़रूरी नियम है, 'हिन्दी में बात करना' ! यहाँ सिर्फ़ इस नियम का पालन ही नहीं होता, बल्कि इसका उल्लंघन करने वाले को कड़ी-से-कड़ी सज़ा देने की भी उचित व्यवस्था की गई है. कहीं और देखा है, ऐसा ? :)
* यहाँ स्त्री-पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं होता, और दोनों को ही घरेलू कामकाज...जैसे कपड़े धोना, बर्तन मांजना, झाड़ू-पोंछा करना उत्तम तरीके से सिखाया जाता है. ये न केवल इनके भविष्य के लिए उपयोगी सिद्ध होगा अपितु देशव्यापी सफाई-अभियान में भी इनके योगदान को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है. :D
* किसी भी प्रकार की 'हिंसा' के लिए यहाँ कोई जगह नहीं, और यदि आप ऐसा करते हुए पाए गये तो आपके निष्कासन का कड़ा प्रावधान भी है. क़सम से, बड़ी बेइज़्ज़ती होती है ! ;)
* यहाँ सिर्फ़ 'सॉरी' कह देना ही काफ़ी नहीं, आपको आत्मग्लानि के समंदर में भीतर तक डूबना होता है, उसके बाद ही माफ़ी पर विचार किया जाता है. 'गाली-गलौज़' की भी जमकर भर्त्सना होती है. यानी आपके अंदर अच्छे संस्कार रहे, इस पक्ष पर भी पूरा ध्यान दिया गया है. :)
* ये कार्यक्रम 'शेअरिंग' भी सिखाता है, कम सामग्री होने पर उसका बँटवारा कैसे किया जाए. भूखे पेट कैसे रहा जाए इत्यादि. त्याग और बलिदान की अमर कहानियाँ भी इसमें अक़्सर देखने को मिलती हैं.
* यह आलस को बिल्कुल बढ़ावा नहीं देता, दिन में सोने की अनुमति किसी को भी नहीं मिलती. इसी कारण, कार्य करने के लिए अधिक समय मिलता है और फिटनेस भी बनी रहती है.
* इससे हमें 'राष्ट्रीय एकता' का संदेश भी मिलता है, विभिन्न प्रांतों, व्यवसायों, धर्मों और अलग-अलग रीति-रिवाजों को मानने वाले यहाँ एकजुट होकर रहते हैं. साथ में खाते-पीते, उठते-बैठते, नाचते-गाते हैं. इस कार्यक्रम में गीत-संगीत और नृत्य कला को भी महत्वपूर्ण माना गया है.
* चुगली करने वालों और झूठ बोलने वालों को यहाँ, हिक़ारत भरी नज़रों से भेदा जाता है, और फिर उनका सच सबको दिखाकर यह भी सिखाते हैं कि 'झूठ बोलना गंदी बात है' :P
*यह कार्यक्रम टीवी. मोबाइल, कंप्यूटर एवं इसी तरह के अन्य 'समय बर्बादू उपकरणों' के इस्तेमाल का घोर विरोध करता है, जिससे न केवल विद्धूत और समय की बचत होती है, बल्कि यह भी सीख मिलती है कि इन सबके बिना भी ज़िंदा रहा जा सकता है !
* यह संयुक्त परिवार में रहना सिखाता है और इंसानों को कुसंगतियों से दूर रहने की शिक्षा भी देता है.
इस तरह हम कह सकते हैं कि 'बिग बॉस' जैसे कार्यक्रम हमारे व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं. ये हमें न सिर्फ़ जीवन जीना सिखाते हैं बल्कि विषम परिस्थितियों से जूझने की प्रेरणा भी देते हैं. ऐसे कार्यक्रम हमेशा चलते रहें और इनका उपयोग हर भारतीय नागरिक के लिए किया जाए, जिससे वो जब तीन माह बाद इस घर से बाहर आएँ तो एक उत्तम नागरिक बन, समाज के निर्माण और देश के विकास में पूरा सहयोग करें.
:)
* इस प्रेरणात्मक निबंध का 'कलर्स' या किसी और से कोई लेना-देना नहीं है. इस पर केवल हमारा ही कॉपीराइट बनता है. चुराए जाने पर 'जेल' जाना पड़ सकता है और वो भी असली वाली ! :P
- प्रीति 'अज्ञात' द्वारा जनहित में जारी !