जैसा कि हम जानते हैं कि बाबा रामदेव और उनके पतंजलि की 'दिव्य कोरोनिल टेबलेट' इन दिनों ख़ूब चर्चा में हैं. क्यों न हो! कोरोना वायरस से त्रस्त इस दुनिया में पहली बार उम्मीद की लहर जो उमड़ी है. ये टेबलेट केवल 7 दिनों में Covid-19 से पीड़ित मरीज़ के ठीक होने का दावा करती है. ज़ाहिर है, हम सबको खुश होना चाहिए और हैं भी.
जब मैंने इस न्यूज़ को पहली बार सुना तो मेरा दिमाग़ इसके नाम पर अटक गया. मई में 'इम्युनिटी बूस्टर्स' पर एक स्टोरी के लिए रिसर्च करते समय यही नाम मैंने 'अहमदाबाद मिरर' में पढ़ा था. यह न्यूज़ निकिर लेबोरेटरीज (इंडिया) के मालिक डॉ. राजेश शाह के बारे में थी, जिन्होंने इस महामारी से लड़ने के लिए कुछ करने की ठानी थी.
उन्होंने कहा था, "हमने लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए होम्योपैथिक कोरोनिल पिल्स बनाने का फैसला किया. एफडीसीए (FDCA) की अनुमति मिलने के बाद इसका उत्पादन शुरू किया तथा इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने वाली इन पिल्स को निशुल्क ही वितरित कर रहे हैं". मुश्क़िल समय में यह भी कोई कम राहत की ख़बर नहीं थी.
पर क्या ये कोरोनिल और पतंजलि की कोरोनिल एक ही हैं? यह प्रश्न अब भी दिमाग़ में चल रहा था.
जब डॉ. राजेश शाह से इस एक जैसे नाम के बारे में चर्चा की तो उन्होंने बहुत ही विनम्रतापूर्वक इस बात को स्वीकार किया कि 'कोरोनिल' नाम उनकी कम्पनी ने ही पहले approve (फरवरी में) कराया था. पतंजलि TM logo नहीं रखते. लेकिन डॉ.शाह इस बात को लेकर कोई इशू नहीं खड़ा करना चाहते! उनका कहना है कि “वे बाबा रामदेव का बहुत आदर करते हैं और बाबा को उनकी दवाई के बारे में पता भी नहीं होगा. फिर इस दवाई का उद्देश्य तो महामारी से लड़ना है. वे भी समाज की बेहतरी के लिए कर रहे हैं और हम भी. अगर नाम एक सा है भी तो क्या हुआ? हमें तो सबकी सहायता करने से मतलब!” उन्होंने यह भी कहा कि "अगर बाबा को कोई दिक़्क़त होगी तो हम नाम बदलने को तैयार हैं. हमारा उद्देश्य तो सबकी सहायता करना है, फिर माध्यम कोई भी हो. पतंजलि ब्रांड नेम है. उसकी पहुँच दूर-दूर तक है. निश्चित रूप से बाबा रामदेव की कम्पनी सब तक ये प्रॉडक्ट पहुँचा सकेगी. हमारी तो छोटी सी कम्पनी है और हम तो केवल इम्युनिटी बढ़ाने की बात कर रहे हैं जबकि पतंजलि बीमार को ठीक करने का”.
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि डॉ. राजेश ने VMC (वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) को पंद्रह लाख़ doses पहले phase में वितरित की हैं. तीन लाख अपने क्लिनिक से भी दी हैं. वे सबको मुफ़्त ही देते हैं. यदि कोई उनके क्लिनिक तक नहीं पहुँच सकता है तो नज़दीकी मेडिकल स्टोर में (बड़ौदा में) यह केवल बीस रूपये में उपलब्ध है. वे कहते हैं कि इस कठिन महामारी से जूझने के लिए ये हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि जितना हो सकें हम कम्युनिटी की मदद करें. उनका यह उत्तर गर्व से भर देता है और हम निश्चिन्त महसूस करने लगते हैं. जब तक मानवता के ऐसे रक्षक उपस्थित हैं तब तक हमारे हौसले बुलंद रहेंगे. कोरोना से लड़ते-लड़ते अब कुछेक रौशनी की किरणें आने लगी हैं, यह अच्छी ख़बर है.
अंत में डॉ.शाह एक बात और जोड़ते हैं कि चूँकि ये दवाई हर वर्ग के लिए है, आम लोगों के लिए हैं इसलिए पतंजलि को भी इसकी क़ीमत कम रखनी चाहिए. आपको बता दें कि पतंजलि की कोरोना किट 545 की मिलेगी. बाबा रामदेव को गरीबों का सोच जरा इस मूल्य वाली बात पर पुनर्विचार कर लेना चाहिए.
- प्रीति 'अज्ञात' #iChowk
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बहुत ही गर्वित करने वाली खबर है। डॉक्टर राजेश शाह को हजारों सलाम हैं। 🙏🙏🙏🙏🙏उनकी उदारता से संतोष हुआ , शास्त्री या लोग इंसानियत को चला रहे हैं 🙏🙏🌷🌷
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