रविवार, 8 मार्च 2020

#HappyWomensDay2020

व्यस्तता भरे जीवन में से कुछ समय अपने लिए बचाकर/चुराकर रखना है। अपने शौक़ पूरे करने हैं। वो डिश भी अपने लिये जरूर बनानी है जो आपको पसंद है, भले ही घर में उसे कोई और न खाता हो। अपनी अस्वस्थता का बेसुरा राग अलापने से बेहतर है, स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए मस्त रहना।
हर बात में ये नहीं बोलना है कि "इनसे पूछकर बताती हूँ।" कुछेक निर्णय अपने-आप भी लिए जा सकते हैं। भले ही सुख में जी रही हों पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की राह निकालनी ही है।
हर बार समाज ही सब कुछ बुरा नहीं कहता.. कभी-कभी हम लोग ही स्वयं अपना जीना हराम कर लेते हैं। पीड़िता, मजबूर, त्याग और बलिदान की देवी बनकर। महान बनने से कुछ नहीं होता सिवाय सिरदर्द के क्योंकि कुछ वर्षों बाद यही महानता और 'DISEASE TO PLEASE' घुटन बनकर भीतर से ख़त्म करने लगती है। इसीलिए सच के साथ खड़े होकर अपनी बात कहना सबसे पहले सीखना है।
हमें उम्र भर यह कहते हुए कुंठित क्यों होना कि "मेरी पढ़ाई तो चौके-चूल्हे में ही झोंक दी गई।" आप उसके साथ भी बहुत कुछ कर सकती हैं बशर्ते आप अपने आप को भी प्राथमिकता सूची में स्थान दें। याद कीजिए, आखिरी बार कब आपका नाम लिया गया था? मम्मी, चाची, बुआ, मौसी, दीदी के रिश्तों से होते हुए कब ज़िन्दगी गुज़र जाती है पता भी नहीं चलता और एक दिन आपका नाम मात्र प्रमाणपत्र तक ही सीमित रह जाता है।
मेरे जीवन का मूल मंत्र -'अच्छा सोचो, अच्छा कहो, अच्छा सुनो' और लोगों की बुराइयों को अपनी अच्छाइयों से मारो! 😍
MORAL: Happy Women's Day! पर पुरुषों के पीछे सोटा लेकर क़तई नहीं दौड़ना है। 😁
वैसे तो हर दिन अपना ही है पर जैसे बर्थडे वाले दिन स्पेशल लगता है, आज भी हम सबको वही अहसास मुबारक़ हो! 💐💐
- प्रीति 'अज्ञात'

#HappyWomensDay2020 #InternationalWomensDay

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