रविवार, 5 मार्च 2023

सुख की परिभाषा

 इतने विशाल संसार में न जाने ऐसी कितनी वस्तुएं हैं जिनके न होने का दुख हमारे साथ चलता है। दुख न भी हो तो कम-से-कम उन्हें पा लेने की ख्वाहिश तो अवश्य ही रहती है। हम सबके पास अपनी-अपनी सूची है जिसमें एक-एक कर tick लगाते हुए हम प्रसन्न भी अनुभव करते हैं पर इस सूची का अंत नहीं है क्योंकि इच्छाओं का अंत नहीं, सपनों का अंत नहीं, लालसा, महत्वाकांक्षा का कोई अंत नहीं! यह सब कुछ जानते, समझते हुए भी हम अपना जीवन कुछ पाने की दौड़ में लगा देते हैं।

 जीवन की इसी भागदौड़ और तनाव में हम प्रायः उनका धन्यवाद करना भूल जाते हैं जो हमारे लिए हैं तो सबसे कीमती, पर हमें उसका अहसास नहीं। जो सुविधा जन्म से ही साथ हो तो उसमें कुछ खास नहीं लगता न! लेकिन सामान्य बच्चे की तरह जन्म लेना भी एक खास घटना है, ईश्वर का आशीर्वाद है कि आप सारे अंगों के साथ सही-सलामत इस संसार में आए हैं। 
उन माता-पिता के दर्द को कौन समझेगा, जिनके बच्चे जन्म से ही किसी गंभीर बीमारी के शिकार है। कुछ ऐसे हैं जो बोल नहीं सकते, कुछ सुन नहीं सकते, कुछ चल नहीं सकते, देख नहीं सकते, कुछ लिख-पढ़ नहीं सकते और दुर्भाग्य से भरी यह सूची लंबी होती चली जाती है। बहुत भाग्यशाली हैं वे लोग जो अपने पैरों पर चल सकते हैं, अपने हाथों से लिख सकते हैं, संगीत की मधुर ध्वनि सुन सकते हैं और खुली आँखों से प्रकृति की अथाह सुंदरता निहार सकते हैं। सबके हिस्से यह सुख नहीं होता! फिर कहती हूँ कि यक़ीन कीजिए, "सामान्य बच्चे की तरह पैदा होना बहुत असाधारण घटना है।" 

आज इस video को देख आँख भर आई। https://twitter.com/ValaAfshar/status/1632059491393892353
इस सबके बाद मैं सोचती हूँ कि जिसने जीवन में रंग नहीं देखे वह सृष्टि की सबसे सुंदर प्रस्तुति को देखने से वंचित रह गया। भाग्यशाली हैं वे लोग जो अपनी आँखों से जी भरकर इस दुनिया को देख पाते हैं, रंगों को महसूस कर जीते हैं, उन्हें दुलार देते हैं। इसलिए आँखों में बस प्यार हो और गर कभी आँसू छलकें भी, तो वे खुशी के हों, श्रद्धा के हों और इस भाव की कृतज्ञता से भरे कि हम सब कुछ देख पाने, महसूस करने में सक्षम हैं। क्योंकि इस दुनिया में करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें यह आशीर्वाद नहीं मिला है। 
जैसे दुखों का अंत नहीं दिखता, वैसे ही सुख की भी अपनी कई परिभाषाएं हैं। है न!
- प्रीति अज्ञात 


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