एक पुरानी फ़िलम है 'गोलमाल',अपने अमोल पालेकर वाली. उसके सपने वाले गाने में एक बड़ी क्यूट लाइन है..."इक दिन सपने में देखी सपनी"..... तो आज हमने भी एक सपनी देखी कि हम स्कूल के बच्चों की उस लाइन में खड़े हैं जो बूँदी के लड्डू पाने को अपनी बारी की बड़ी अधीरता से प्रतीक्षा कर रहे हैं.
आँख खुली तो इधर घर के सदस्य इस प्रतीक्षा में थे कि महारानी उठें तो चाय नसीब हो! 😂उस पर बेटी ने भी याद दिलाया कि हाफ डे है सो स्कूल में फुल मील की बजाय टिफ़िन भी आधा ही चाहिए. अपन भी गणतंत्र दिवस की भोर में आलू का पराँठा बनाने किचन को प्राप्त हुए.😎
आप सबको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ और छुट्टी की असीम बधाई. साथ ही उन लोगों के प्रति भी हार्दिक संवेदनाएँ व्यक्त करती हूँ जो गणतंत्र दिवस, फ़ोर्थ सैटरडे के दिन पड़ने के कारण एक छुट्टी डूबने के सदमे से अब तक उबर नहीं सके हैं. भई, अभी तो अउर डूबना है 😜.....छुटंकी गुमटी से लेकर amazon तक सब SALE लगाये बैठे हैं. सुनो, अब नहा-धोकर शॉपिंग को निकल ही लो...देशभक्ति के सुर में डूबा ये समां कहाँ रोज-रोज देखने को मिलता है! झंडा है, गुब्बारे हैं, कप हैं और इस बार तो बड़ी प्यारी कैप भी launch हुई है. फोटू लगाए हैं. 😍
- प्रीति 'अज्ञात'
#गणतंत्र_दिवस #Republic_day
आँख खुली तो इधर घर के सदस्य इस प्रतीक्षा में थे कि महारानी उठें तो चाय नसीब हो! 😂उस पर बेटी ने भी याद दिलाया कि हाफ डे है सो स्कूल में फुल मील की बजाय टिफ़िन भी आधा ही चाहिए. अपन भी गणतंत्र दिवस की भोर में आलू का पराँठा बनाने किचन को प्राप्त हुए.😎
आप सबको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ और छुट्टी की असीम बधाई. साथ ही उन लोगों के प्रति भी हार्दिक संवेदनाएँ व्यक्त करती हूँ जो गणतंत्र दिवस, फ़ोर्थ सैटरडे के दिन पड़ने के कारण एक छुट्टी डूबने के सदमे से अब तक उबर नहीं सके हैं. भई, अभी तो अउर डूबना है 😜.....छुटंकी गुमटी से लेकर amazon तक सब SALE लगाये बैठे हैं. सुनो, अब नहा-धोकर शॉपिंग को निकल ही लो...देशभक्ति के सुर में डूबा ये समां कहाँ रोज-रोज देखने को मिलता है! झंडा है, गुब्बारे हैं, कप हैं और इस बार तो बड़ी प्यारी कैप भी launch हुई है. फोटू लगाए हैं. 😍
- प्रीति 'अज्ञात'
#गणतंत्र_दिवस #Republic_day
बहुत खूब लिखा आपने 👌 बेहतरीन
जवाब देंहटाएंजी राष्ट्रीय पर्व भी सगल बन गये हैं ।
जवाब देंहटाएंजय हिंद।
आवश्यक सूचना :
जवाब देंहटाएंअक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प्रथम आगामी अंक ( जनवरी-मार्च 2019 ) हेतु हम सभी रचनाकारों से हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। 15 फरवरी 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें- editor.akshayagaurav@gmail.com
अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जाएं !
https://www.akshayagaurav.com/p/e-patrika-january-march-2019.html