शनिवार, 16 सितंबर 2017

जीवन की पाठशाला से

"जब हम किसी से अपने लिए अपेक्षाएँ रखने लगते हैं तो एक बार पलटकर यह अवश्य देखना चाहिए कि हमने उसके लिए अब तक क्या किया या करना चाहा है! यहाँ बात मात्र सहायता की ही नहीं, समुचित व्यवहार भी मायने रखता है. इस मनन के बाद जो उत्तर सामने आए वही आपके अब तक के जीवन का सार है, अनुभव है, व्यक्तित्व को इंगित करता है.
भाग्यशाली हैं कि समय है और ये जीवन फ़िलहाल बीता नहीं....अभी भी अपार सम्भावनाएँ शेष हैं क्योंकि कितना कुछ है जो कहा ही नहीं, कितने कार्य हैं जिन्हें किया ही नहीं, कितने पल हैं जिन्हें जिया ही नहीं!" - प्रीति 'अज्ञात'
* जीवन की पाठशाला से 

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