आज एक नया वीडियो देखने को मिला। जिसके 'गीत' का एक 'अंतरा' मुझे बेहद आपत्तिजनक लगा।
"जैसे मुझे कोई चाबी मिल गयी
किसी वाइन स्टोर की
या यूज़ की गयी बंदी
मुझे खुद ही छोड़ गयी"
'यूज़' की गयी बंदी! ये किस तरह की सोच है? क्या आशय निकलता है, इससे? यही न कि 'बंदी तो यूज़ करने को ही होती है! अच्छा हुआ, खुद ही छोड़ गई!' बात इतना कहने पर ही नहीं रुकी, उसके बाद एक अश्लील हँसी भी है जिसे सुनकर दिमाग और भी खराब हो जाता है।
मैं मानती हूँ कि यह नए ज़माने का वो म्यूजिक है जिसका भाषा से कोई लेना देना नहीं होता! सबको मस्ती में थिरकने से ही मतलब है और सब कुछ बीट्स पर ही चलता है। यह भी ठीक कि यहाँ कोई ज्ञान लेने तो आता नहीं! न ही इनसे संस्कार की पाठशाला बनने की कोई उम्मीद है। लेकिन इस विकृत सोच को कहीं तो लगाम लगे! कितनी आसानी से लड़कियों के लिए Use & Throw का पाठ पढ़ा दिया गया है।
T- सीरीज़ द्वारा 24 दिसंबर, 2020 को रिलीज़, कार्तिक आर्यन के animated version पर फिल्माया गया यह वीडियो काफ़ी पॉपुलर हुआ है और इसके कई मिलियन व्यूज़ हो चुके हैं। शत प्रतिशत कैची नंबर है और सुनने वाले उसी बहाव में बहते नज़र आ रहे हैं। मैं वीडियो के कमेंट बॉक्स में देख रही थी कि किसी ने तो ये बात नोटिस की हो लेकिन वहाँ तो सब इसे खुद से जोड़ते हुए ऐसे खुश हो रहे थे कि जैसे इससे बेहतर कालजयी गीत अब तक रचा ही न गया!
कार्तिक आर्यन अच्छे कलाकार हैं। उनकी अपनी एक बड़ी फैन फॉलोइंग है। इस लिहाज़ से यह उनकी और T- सीरीज़ की जिम्मेदारी बनती थी कि 'महान गीतकार' से इसके बोल ठीक करवा लेते।
मैं यह भी मानती हूँ कि लड़कियों को एक वस्तु की तरह मानना कोई आज की बात नहीं, सदियों से यह चला आ रहा है। फ़र्क़ इतना है कि आज का युवा बेशर्मी के साथ, बिना हिचकिचाहट उसे एडमिट कर रहा है। लेकिन इस बात के लिए उनकी पीठ नहीं ठोकी जा सकती और न ही प्रसन्न हुआ जा सकता है। दुख इस बात का भी है कि बिना बोल सुने, समझे लड़कियाँ खुद इस पर नाच रहीं हैं।
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