शनिवार, 25 मई 2019

#सूरत_अग्निकांड

वे लोग जो सूरत हादसे का वीडियो बनाकर upload कर रहे हैं...क्षमा कीजिये पर मुझे आपसे घिन होती है। किसी के कलेज़े के टुकड़े को आग की लपटों में घिरे हुए, ऊपर से गिरते, चीत्कार मारते हुए देख किसी का भी कलेज़ा छलनी हो जाए। वो इंसान दौड़ेगा, चीखेगा, इधर-उधर भागेगा, अपनी बेबसी पर सिर पीटेगा और इस परेशानी में पल भर भी सोच पाया तो क़रीबी घरों से चादर लाकर भीड़ से उसे थामने की गुहार करेगा। वो रोयेगा, हारकर बैठ जाएगा पर वीडियो तो फिर भी नहीं बनाएगा।
उचित सुरक्षा व्यवस्था एवं आपातकालीन दरवाजा न होने के कारण संस्थान तो दोषी है ही, साथ ही आग को बुझाने में प्रशासन और अग्निशमन विभाग की जो लापरवाही हुई है वह भी बेहद शर्मनाक और दुखदायी है। न सीढ़ियाँ हैं, न नेट है तो इनमें और तमाशबीनों में क्या अंतर?
इन बच्चों के परिवार पर क्या बीत रही होगी, उसका अनुमान भर भी लगा लें तो रूह काँप जाती है। उन आँखों में सूनापन है, सवाल हैं और उम्र भर की निराशा! अब दोषियों को ढूँढ निकालने के लिए समितियाँ बनेंगी और न्याय दिलाने के हजार वादे भी जरूर होंगे पर जिन बच्चों ने असहनीय पीड़ा से झुलसते हुए इस धरती को अलविदा कह दिया, उनकी चीख़ें आसमान में गूँजती रहेंगीं।
सुनो, ईश्वर! अब तुम रिटायर क्यों नहीं हो जाते!
- प्रीति 'अज्ञात'
#सूरत_अग्निकांड

3 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 26/05/2019 की बुलेटिन, " लिपस्टिक के दाग - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं

  2. सूरत हादसे से हृदय व्यथित है कलेज़े के टुकड़ों को विनम्र श्रद्धाजंलि|
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही भयानक हादसा ,बहुत ही पीडाजनक । ये तो और भी दुखद है कि लोग सहायता करने की जगह वीडियो बनाने में लगे हैं । कहाँ खो गई इंसानियत ...

    जवाब देंहटाएं