रविवार, 23 मार्च 2014

'एक राष्ट्र, एक सोच....एक दल'

राजनीति और इससे जुड़ी बातें मुझे आज तक समझ नहीं आईं. जितना ही समझने की कोशिश की और उलझती चली गई. एक तरफ तो सभी पार्टियाँ राष्ट्रीय-एकता और राष्ट्र-हित की भावनाओं का समर्थन करतीं हैं, वहीं दूसरी और उन्हें आपस में ही लड़ते और व्यक्तिगत हितों के लिए आम जनता को हर संभव तरीके से बेवकूफ़ बनाते हुए भी देखा जा सकता है.
न जाने कितने करोड़ रुपये तो चुनाव प्रचार के नाम पर ही पचा लिए जाते हैं. मीडिया और हम सबका समय व्यर्थ गया, सो अलग ! और परिणाम ???? वही चुने गये लोगों के प्रति आक्रोश जताती जनता !

कितना अच्छा हो, अगर इतने सारे दल ही न हों. हमारे नेता भी 'दल-बदलू' के ठप्पे से बच जाएँगे. बस एक ही पार्टी हो - 'राष्ट्र-हित पार्टी' ! हर राज्य में एक ही तरह की सकारात्मक सोच वाले लोगों की सत्ता ! इनमें गाँधी जी की सच्चाई हो, भगत सिंह सी देश-भक्ति और मंगल पांडे सा जुनून ! बहुत से उदाहरण हैं, गर लिखने बैठे तो ! पर आज के सन्दर्भ में एक ऐसी पार्टी की कल्पना नहीं की जा सकती क्या , जिसमें अटल जी जैसी संवेदनशीलता, अब्दुल कलाम जी जैसी दूरदर्शिता, मोदी जी सी कर्मठता, केजरीवाल जी की तरह परिवर्तन की ललक, राहुल गाँधी की युवा सोच और अन्ना जी की सहनशीलता वाली विचारधारा के लोग शामिल हों ! ये सभी लोग ही अपना-अपना राग, धर्म और आपसी द्वेष छोड़कर क्यूँ नहीं 'एक' हो सकते ??? अगर वाक़ई देश की फ़िक्र है, तो इस सन्दर्भ में सोचना ही होगा...... "एक राष्ट्र, एक सोच, एक दल" और इसका मक़सद - शिक्षा, सुरक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य सुविधाएँ सभी देशवासियों के लिए उपलब्ध कराना और भारत को एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार-मुक्त राष्ट्र बनाना ! ग़रीबी अपने आप ही दूर हो जाएगी !

* शायद आप सभी को यह एक सपना ही लगे, पर जो सोचा जा सकता है....उसे पूरा भी किया जा सकता है ! वर्षों पहले कौन इस बात पर यक़ीन करता, कि घर बैठे-बैठे ही हम दूसरे शहर, देश में रहने वाले प्रियजनों को देख सकते हैं, उनसे बात कर सकते हैं ! बात सिर्फ़ 'सोचने' की ही है, संभव सब है !

प्रीति 'अज्ञात'

4 टिप्‍पणियां:

  1. काश! कि ऐसा सब सोच पाते.. हां बदलाव कब आ जाय कोई नहीं जानता ...
    बहुत सुन्दर सोचभरा आलेख ..

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    1. बहुत-बहुत आभार कविता जी ! बदलाव की उम्मीद ही रख सकते हैं, और अपने-अपने तरीके से थोड़ी सी कोशिशें भी !

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  2. बदलाव तो आएगा ही पर कब ये शायद पता नहीं

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