यूँ तो 'चंद्रयान मिशन' की सफलता और इस मिशन की कल्पना से भी बहुत पहले हमने चाँद को अपना माना हुआ है और यह कोई छोटा-मोटा रिश्ता नहीं बल्कि नेह का वह असाधारण बंधन है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी गहराता ही रहा। ये चाँद कभी बच्चों का चंदा मामा बना तो कभी इसमें सूत कातती हुई कोई दादी-नानी माँ सरीखी वृद्धा नजर आईं। करवा-चौथ में यह सुहागिनों की प्रतीक्षा का सबब बना तो वहीं ईद पर भी इसके दीदार को दुनिया तरसी। कोई न दिखे और फिर एक अंतराल के बाद मिल जाए तो यकायक मुँह से निकलता, "अरे मियाँ! तुम तो ईद के चाँद हो गए हो!" प्रेमियों ने अपनी महबूबा की सुंदरता के बखान के सारे बहाने इसी की आड़ में पेश किए और हमारी हिन्दी फिल्में इसी चाँद को मोहब्बत का हमराज बना सारे गिले-शिकवे दूर करतीं रहीं।
वो चाँद जो सपनों का बादशाह बना बैठा था, जो हमारी प्रतीक्षाओं के मजे लिया करता था, वो जिसकी मखमली चाँदनी में बैठ हमने ख्वाबों के अनगिनत महल बनाए और उनमें उसी की दूधिया रोशनी भर कुछ मुस्कानें अपने नाम कर लीं, वो चाँद हमारे विक्रम बाबू और छुटके प्रज्ञान को देख चौंका तो जरूर होगा! उसे कहाँ पता कि जिनकी उम्मीदों की झोली वो सदियों से भरता रहा, आज उसी देश से कोई अपने इस बचपन के साथी के गले लग उसकी तमाम तस्वीरें खींचना चाहता है। वो जानना चाहता है कि "तुम्हारे पास पानी-वानी तो है न! कहो तो हम आ जाएं, तुम्हारा घर संभालने?"
चाँद को नहीं पता कि इस पल के लिए एक देश ने कितना लंबा सफ़र तय किया है। न जाने उस चाँद को, हमारी खुशियों का अंदाज़ होगा भी या नहीं! न जाने उसने हमारी धड़कनों को कितना समझा होगा! लेकिन आज का चाँद कुछ अलग है, आज उसका नूर देखने लायक है, आज का ये खूबसूरत चाँद हमारे इतिहास के पन्नों पर मानव सभ्यता के आखिरी चरण तक उभरता रहेगा। ये चाँद हर भारतीय को दुनिया में थोड़ी और ठसक के साथ चलने का हक़ दे रहा है। इस चाँद को उसके हिस्से का सारा प्यार मिले और उसके बाद थोड़ा और भी कि उसने अपनी जमीं पर भी हमें मोहब्बत ही दी। इस चाँद के आँगन में सितारों की झमाझम बारिश होती रहे।
सबको उनके हिस्से का चाँद मुबारक़ और बाकियों को उम्मीद की दूधिया रोशनी!
बधाई मेरे देश को और ISRO का तो ये देश ऋणी हो गया है।
Once again..... Thank You ISRO - Indian Space Research Organisation
- प्रीति अज्ञात
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वाह! कितने मीठे भाव! बिल्कुल स्निग्ध चांदनी की तरह 🌹
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २५ अगस्त २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह
जवाब देंहटाएंवाह!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति
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