सोमवार, 3 अगस्त 2020

कोरोना नवसूत्र

1.  
वैक्सीन बन रई लैब में, तब तक कीजे टास्क
दो गज की दूरी धरो और पहन ल्यो मास्क

2.
साबुन ही अच्छा लगे,  मैल कुचैल भगाय 
ज्यों-ज्यों घिसत जात हैं, त्यों-त्यों मन हरषाय

3.
मौज़ मज़ा के दिन गए, सब भूले आना-जाना 
कोरोना के दौर में, बस घर ही एक ठिकाना 

4.
जाने मानव जात से, है गई है का भूल 
कोरोना के काल ने छुड़ा दयो स्कूल 
छुड़ा दयो स्कूल, तो भैया पढ़ते हैं ऑनलाइन 
चेहरा, बोली बंद है, बस दिखते हैं साइन 
बस दिखते हैं साइन तो बेटा, का करिहों फिर आके 
तान के चद्दर सुइ जावो या नेटफ्लिक्स देखो जाके 

6.
न इश्क़ मिला, न चैन मिला, बन बैठे घुन्नू बस 
मैया तुमरे काल में, जग हुआ न टस से मस 

 7.
देखत ही जी कुढ़ गयो, मन हियरा धधकत जाय 
प्रभु! कोरोना को नास हो, अब इसपे पिरलय आय 

8. 
मजबूरी में निकल पड़े तो सैनिटाइज़र हो साथ 
बोल नमस्ते प्रेम से, बस जोड़ लीजिए हाथ 

9. 
कोरोना के काल में, बस यही चैन की बीन 
याद रखो डिस्टेंसिंग, मास्क या हो जाओ क्वारंटीन 
- प्रीति 'अज्ञात'
#coronavirus #mask #quarantine 

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