कितने छुटकु से तो वाक्य हैं, 'कैसे हो?', "अपना ध्यान रखना". अँग्रेज़ी में बोले तो How are you ?, Take Care. पर इन शब्दों का एहसास कितना बड़ा होता है, यह सिर्फ़ सुनने वाला ही महसूस कर सकता है. एक अजीब सी खुशी दे जाते हैं, जीवन के ये सामान्य-से दिखने वाले, पर अदभुत पल. लगने लगता है, कि हमारे अलावा भी कोई और है; जिसके कारण ज़िंदा रहना ज़रूरी है. एक अजीब सी खुशी मिलती है और खुद पर इतराने को जी चाहता है. कुछ इस तरह की बातों को पागलपन भी समझते हैं, हुन्ह समझा करें, अपने को क्या ! :P
लेकिन ये भी सच है, कि जीवन की भागदौड़ी में हरेक के पास इतना पूछने का भी वक़्त कहाँ ! सुनते हैं, आजकल महँगाई बहुत है, सबके भाव बढ़ गये हैं. शायद शब्दों के भी.....या फिर....... ?
लोगों के ???? :/ :P मैनें तो ऐसा नहीं कहा, वैसे कभी-कभी इल्ज़ाम लगाने में भी बड़ा मज़ा आता है. :D
लेकिन ये भी सच है, कि जीवन की भागदौड़ी में हरेक के पास इतना पूछने का भी वक़्त कहाँ ! सुनते हैं, आजकल महँगाई बहुत है, सबके भाव बढ़ गये हैं. शायद शब्दों के भी.....या फिर....... ?
लोगों के ???? :/ :P मैनें तो ऐसा नहीं कहा, वैसे कभी-कभी इल्ज़ाम लगाने में भी बड़ा मज़ा आता है. :D
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